पंचायती चुनावों के मुद्दे

 


दोस्तो हाल ही में राज्य सरकार द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के चुनाव आयोजित किए जा रहे हैं जिसको लेकर उत्साह का माहौल है और ऐसा लगता है इस बार युवाओं की भागीदारी अपेक्षाकृत अधिक है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।

          लेकिन फिर भी एक समस्या है कि कुछ लोगों द्वारा चुनाव में अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को ध्यान में रखकर चुनाव लड़ा जाएगा ना कि जरूरी मुद्दों पर । मुझे लगा कि मुझे इस पर कुछ बातें स्पष्ट करना चाहिए।

  पंचायत के चुनाव का मतलब पंचायतों के विकास के लिए प्रतिनिधियों का चुनाव किया जाता है जो कि चुनाव जीतने के बाद क्षेत्रीय समस्याओं पर ध्यान देंगे और उन्हें दूर करेंगे।जबकि देखा गया है कि जितने के बाद उनके द्वारा को वादे किए जाते हैं वो कभी भी पूरे नहीं किए जाते हैं अगर कुछ किए भी जाते हैं तो अपने हितों की दृष्टि से।

  अब हम सभी को अपने चुनाव में खड़े हुए उममीदवारों से उनके द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी कार्यों का ब्यौरा मांगना चाहिए और उनको पूरा करवाने की समयसीमा  भी जाननी चाहिए ताकि उनके द्वारा हम सभी को फिर से मूर्ख न बनाया जा सके क्योंकि नेता जनता के नौकर होते है लेकिन चुना जितने के बाद ये वीआईपी बन जाते हैं और जनता गंदी भीड़ बन जाती है यहां तक कि इनसे मिलने के लिए अपोइंटमेंट लेनी पड़ती है उसके बावजूद भी ये नहीं मिलते हैं।

  जो काम पंचायतों के विकास के लिए जरूरी है:-

  1:- पूरे क्षेत्र में गुणवत्ता पूर्ण सड़कें बनवाना और उनका रखरखाव करना

  2:- पक्की नालियों का निर्माण करवाना ताकि कहीं भी जलभराव को समस्या ना हो।

  3:- लोगों के लिए पीने के पानी के लिए जरूरी इंतजाम करवाना।

  4:- गांव में अगर जरूरी है तो तालाब का निर्माण करवाना।

  5:- गांवों में उचित प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था करना              और स्कूलों का प्रबंधन करना तथा गरीब बच्चो के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करना।

 6:- सार्वजनिक स्थानों पर लाइट की व्यवस्था करना।

 7:- गांव के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी भ्रष्टाचार के दिलवाना और यह सुनिश्चित करना की कोई योग्य व्यक्ति लाभ से वंचित ना रह जाए।

 8:- बच्चो के लिए खेल की उचित व्यवस्था करना जिसमें खेल का मैदान और खेल सामग्री मुफ्त उपलब्ध कराना।

                      

  ये काम कोई मांग नहीं है बल्कि इन्हीं कार्यों के लिए ही इन प्रतिनिधियों को चुना जाता है।अगर कोई भी उम्मीदवार इन सभी बातों से सहमत हो तो वोट उसे ही दें।

सभी उममीदवारों को स्थानीय जरूरतों के हिसाब से अपने अपने स्तर पर करवाए जा सकने वाले कार्यों को लिखित हस्ताक्षरित रूप में जारी करना चाहिए ताकि अगले चुनाव से पहले उनसे हिसाब-किताब हो सके।

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